8 साल पूर्व
मांगलिक दोष क्या है ?
मांगलिक दोष इतना प्रचारित व प्रसारित है कि संभवतः कोई विरला व्यक्ति ही इससे अनभिज्ञ हो। आये दिन हम सभी मांगलिक दोष पर आधारित विभिन्न ज्ञानियों व वक्ताओं के विचार सुनते एवं पढ़ते रहते हैं। कोई इस दोष का उपहास उड़ाते हुए ज्योतिष शास्त्र की ही आलोचना करने बैठ जाता हैं तो कोई स्त्री जाति की सहानुभूति प्राप्त करके के लिए तो कोई सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अथवा अपना व्यक्तित्व निर्मित करने के लिए कुतर्क युक्त आलोचनात्मक वक्तव्य प्रस्तुत करता है कि मंगल का अर्थ तो शुभ है फिर ये अमंगल कैसे कर सकता है अथवा जन्म कुण्डली मांगलिक होने पर इसे दोषपूर्ण कैसे कह सकते हैं। असल में ये मूर्ख लोग मंगल का शाब्दिक अर्थ लेकर इसका अर्थ सबको समझाकर स्वमं को विद्वान समझने लगते हैं। किन्तु मांगलिक दोष का सम्बन्ध ज्योतिष के मंगल ग्रह से है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह शाब्दिक मंगल का पर्याय नहीं है एवं इस ग्रह का प्रभाव हमेशा तामसी बताया गया है। यह पुरूष एवं स्त्री दोनों जातकों को एकसमान प्रभावित करता है। कुछ विशेष भावगत एवं राशिगत स्थितियों को छोड़कर इसका प्रभाव सदा अशुभ ही रहता है। इसका शुभ प्रभाव भी तामसी गुणों से युक्त रहता है।
सौरमण्डल एवं तारामण्डल शास्त्र में विदित है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में नौ प्रमुख ग्रह है जो ऊर्जा तरंगों में से नौ प्रमुख तरंगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रत्येक ग्रह अपनी तरंगों का उत्सर्जन करता है। इस प्रक्रिया में नवग्रहों में से एक मंगल ग्रह से जो किरणें उत्सर्जित होती हैं, वे रक्तिम वर्ण की होती हैं। यह किरणें संहारक किरणें हैं। इन्हें तंत्र शास्त्र में काली का नाम दिया गया है। इन किरणों में जो गुण उपस्थित हैं उनमें तामसी प्रवृत्ति के भाव उपस्थित हैं जैसे- तेज, हिंसा, पराक्रम, शालीनता, अहंकार, स्वाभिमान, कामभाव, कठोरता, क्रूरता, तीक्ष्णता, तीव्रता, कटुता आदि में तामसी प्रवृत्ति के भाव झलकते हैं। इन तामसी प्रवृत्ति के गुणों से युक्त होने के कारण ही मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में पापक ग्रह बताया गया है।
मनुष्य के सांसारिक जीवन में तामसी गुण न हों, तो उसका सम्पूर्ण जीवन निस्तेज और निरर्थक हो जायेगा। वह शरीर भी धारण नहीं कर सकेगा, क्योंकि शरीर का अस्तित्व तामसी भाव से ही उत्पन्न होता है। अतः ये तामसी किरणें भी प्रत्येक वस्तु, कण एवं जीव के लिये आवश्यक हैं। परन्तु जब ये तामसी किरणें अनियंत्रित हो जायें अथवा गलत दिशा में भटक जायें, तो विनाश ही करती हैं। इनका प्रभाव स्त्री अथवा पुरूष में कोई भेद नहीं करता अतः दोनों ही जातक सामान रूप से इसके द्वारा प्रभावित होते हैं।
उक्त विनाश शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ केवल मृत्यु लगा लिया जाता हैं; परन्तु ऐसा नहीं है, विनाश अर्थ गम्भीर क्षति से सम्बन्धित है जिसमें मृत्यु भी सम्मिलित है; किन्तु मृत्यु ही हो, ऐसा आवश्यक नहीं है। यह निर्णय तो सभी ग्रहों की सामूहिक स्थिति के आधार पर ही किया जा सकता है कि यह क्षति कितनी होगी, किस विषय की होगी एवं कब होगी।
जिन लोगों को मंगली से सम्बन्धित कुप्रभाव पर विश्वास नहीं है, वे अपने ज्ञान में आये किसी मंगली स्त्री या पुरूष के वैवाहिक जीवन का अवलोकन करें। मंगली कन्या का पति और मंगली पुरुष की पत्नी कभी सुखी नहीं रहते। उनके जीवन में गम्भीर समस्यायें उत्पन्न होती हैं। पति-पत्नी के बीच अपनापन या विश्वास का भाव तो होता ही नहीं है। अक्सर सम्बन्ध विच्छेद, दुर्घटना में एक की क्षति या मृत्यु, आकस्मिक, विपत्तियां, दुःख आदि उनका भाग्य बन जाती है।
किसी जातक की जन्म कुण्डली का विवेचन करते हुए निम्न स्थितियों में मंगल दोष की पहचान की जा सकती है-
1. लग्न कुण्डली में मंगल ग्रह लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव अथवा द्वादश भाव में स्थित हो तो सम्बंधित कुण्डली को मंगल दोष से युक्त समझा जाता हैं।
2. चन्द्र कुण्डली के अनुसार भी जब मंगल ग्रह लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव अथवा द्वादश भाव में स्थित हो तो सम्बंधित कुण्डली को मंगल दोष से युक्त समझा जाता हैं।
3. शुक्र के गिनने पर व जहां शुक्र स्थित भी हो उस भाव को गिनने पर भी यदि लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव अथवा द्वादश भाव में मंगल ग्रह स्थित हो तो सम्बंधित कुण्डली को मंगल दोष से युक्त समझा जाता हैं।
4. लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव अथवा द्वादश भावों पर मंगल ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो एवं किसी शुभ ग्रह का प्रभाव इन भावों पर न हो तो भी सम्बंधित कुण्डली को मंगल दोष से युक्त समझा जाता हैं।
नोट : अपने जीवन से सम्बंधित जटिल एवं अनसुलझी समस्याओं का सटीक समाधान अथवा परामर्श ज्योतिषशास्त्र हॉरोस्कोप फॉर्म के माध्यम से अपनी समस्या भेजकर अब आप घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं |
© The content in this article consists copyright, please don't try to copy & paste it.