ज्योतिषशास्त्र : रत्न शास्त्र

ग्रहों के अनुकूल रत्नों की धातु का चयन

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

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रत्न धारण करने का आधार भी स्वयं में अनूठा होता है। कौन सा रत्न किस धातु के साथ धारण करने से अत्यधिक प्रभावशाली रहता है, यह बात सदैव याद रखते हुए किसी रत्न को उसके अनुकूल धातु में ही धारण करना चाहिए। ऐसा करने से रत्न का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है। नीचे दी गई तालिका में प्रत्येक ग्रह और उसके अनुकूल धातु का विवरण दिया गया है-

 

क्रम  ग्रह    अनुकूल धातु
1 सूर्य   सोना
2 चन्द्रमा चाँदी
3 मंगल सोना
4 बुध सोना व कसकुट
5 बृहस्पति  चाँदी
6 शुक्र चाँदी
7  शनि लोहा व सीसा
8 राहु पंच्च धातु
9 केतु  पंच्च धातु

 

उक्त एक शब्द पंच्च धातु का वर्णन किया गया है। पंच्च धातु का अर्थ है, पाँच धातुओं का मिश्रण। यह मिश्रण इन धातुओं के योग से तैयार किया जाता है- (1) स्वर्ण, (2) चाँदी, (3) ताँबा, (4) काँसा, (5) लोहा।

इसी प्रकार सप्त धातु, अष्ट धातु और त्रिलोह के विवरण भी ज्ञात हैं। जहाँ जिस धातु के लिए स्वीकृति दी गयी हो, वहाँ वही धातु उपयोग की जाये, तभी उचित लाभ प्राप्त होता है।

 

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