ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

कुंडली में ग्रहों की स्थिति के माध्यम से लाल किताब आयु गड़ना विधि

Sandeep Pulasttya

7 साल पूर्व

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♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में बृहस्पति यदि षष्टम, सप्तम, दशम, एकादश भाव में स्थित है तो ऐसी स्थिति में लाल किताब अनुसार जातक की कुल आयु 2 वर्ष मानी जाती है।

♦   जातक की जन्म कुण्डली में मंगल व शुक्र ग्रह युति में सप्तम भाव में स्थित हों तो ऐसी स्थिति में लाल किताब अनुसार जातक की कुल आयु 2 वर्ष मानी जाती है।

♦   जातक की जन्म कुण्डली में मंगल व बुध ग्रह युति में सप्तम भाव में स्थित हों तो ऐसी स्थिति में लाल किताब अनुसार जातक की कुल आयु 2 वर्ष मानी जाती है।

♦   जातक की जन्म कुण्डली में बुध व शुक्र ग्रह युति में पंचम भाव में स्थित हों तो ऐसी स्थिति में लाल किताब अनुसार जातक की कुल आयु 2 वर्ष मानी जाती है।

♦   जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा व केतु ग्रह युति में प्रथम भाव में स्थित हों एवं चतुर्थ भाव में कोई ग्रह स्थित न हो तो ऐसी स्थिति में, लाल किताब अनुसार जातक की कुल आयु 2 वर्ष मानी जाती है।

♦   जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा ग्रह पंचम भाव में स्थित हों तो ऐसी स्थिति में लाल किताब अनुसार जातक की कुल आयु 12 वर्ष मानी जाती है।

♦   जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह एकादश भाव में स्थित हों तो ऐसी स्थिति में लाल किताब अनुसार जातक की कुल आयु 12 वर्ष मानी जाती है।

♦   जातक की जन्म कुण्डली में शनि ग्रह पंचम भाव में स्थित हों एवं इस भाव में कोई पुरुष ग्रह न हो, तो ऐसी स्थिति में लाल किताब अनुसार जातक दीर्घायु होता है।

 

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