8 साल पूर्व
किसी जातक की जन्म कुंडली में दो ग्रह युति में स्थित है अथवा युग्म अथवा एक साथ एक ही भाव में स्थित है तो वे सम्बंधित जातक को अच्छा एवं बुरा दोनों ही प्रकार का प्रभाव प्रदान कर सकते हैं | निम्नवत कुछ ग्रह युग्म का फलादेश व दोष निवारण हेतु उपाय प्रदान किये जा रहे हैं :-
सूर्य - बृहस्पति ग्रह युति :
किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य व बृहस्पति ग्रह युति होने से सम्बंधित जातक आर्थिक रूप से कमजोर रहता है।
उपाय :
♦ स्वर्ण आभूषण धारण करें।
♦ केसर का सेवन करें अथवा मस्तक पर तिलक लगाएं।
सूर्य - शनि ग्रह युति :
किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य व शनि ग्रह युति होने से सम्बंधित जातक की पत्नी का स्वास्थ्य खराब रहता है।
उपाय :
♦ पत्नी के वजन के बराबर चारा दान करें।
♦ सूर्य बलवान होकर स्थित हो तो तांबा दान करें।
♦ शनि बलवान होकर स्थित हो तो, लोहे अथवा तिल का दान करें।
राहु - चन्द्रमा ग्रह युति :
किसी जातक की जन्म कुण्डली में राहु व चन्द्रमा ग्रह युति होने से सम्बंधित जातक को चन्द्र ग्रहण लगता है। ऐसा जातक अत्यंत क्रोधी, अत्यंत विलासी, उत्पाती, जिद्दी व झगड़ालू प्रवृत्ति का होता है।
उपाय :
♦ सरसों अथवा कोयला बहते जल में प्रवाहित करें।
मंगल - बुध ग्रह युति :
किसी जातक की जन्म कुण्डली में मंगल व बुध ग्रह युति होने से सम्बंधित जातक की बहिन का स्वास्थ्य खराब रहता है।
उपाय :
♦ मिट्टी से निर्मित सुराही में शहद व सौंफ भरकर किसी निर्जन स्थान में गाढ़ दें।
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