4 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध ग्रह अष्टम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को लगातार आजीवन परिश्रम करते रहना पड़ेगा। जीवन के बत्तीसवें से चौंतीसवें वर्ष की आयु में आय स्रोतों में ह्रास के कारण धनाभाव का दंश झेलना पड़ेगा। नौकरी अथवा व्यवसाय में व्यवधान आने की सम्भावना रहेगी। कारागार अथवा किसी वीरान स्थान पर समय व्यतीय करना पड़ सकता है। अतः समझदारी से काम लेना ही उचित रहेगा। सोलह से इक्कीस वर्ष की आयु वाला समय एकदम खराब व्यतीत होने ही अटल सम्भावना रहेगी। इसका धन संपत्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। बीमारी पर भी धन खर्च होने की सम्भावना अधिक है व इस कारण से लम्बा समय किसी अस्पताल में भी व्यतीत हो सकता है।
ऐसे जातक को आलस्य त्याग देना चाहिए व समझदारी व सूझ बूझ से काम लेना चाहिए। साथ ही धैर्य बनाये रखें चौंतीस वर्ष की आयु के पश्चात अच्छा समय भी आएगा।
जन्म कुंडली के अष्टम भाव हेतु बुध ग्रह टोटके :
♦ बरसात का जल मिट्टी के घड़े में भरकर घर की छत पर रखें।
♦ पुत्री की नाक में चांदी की नथनी धारण कराएं।
♦ पुत्री को लाल रंग के वस्त्र न धारण कराएं।
♦ घर में पूजा स्थल बदलें नहीं।
♦ हिजड़े को काले रंग के मोज़े व सफ़ेद रंग की कमीज दें।
♦ साबुत मूंग दाल ताम्बे के लोटे में भरकर बहते जल में प्राविहित करें।
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