4 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध ग्रह नवम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को अपना भाग्य निर्माण करने में अधिक समय लग सकता है। ऐसा जातक अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला होता है। धनार्जन में अधिक समय लग सकता है। ऐसे जातक को धनार्जन हेतु जन्म स्थल से दूर अथवा विदेश प्रवास भी करना पड़ सकता है, जिसका परिणाम अनुकूल मिलेगा। जीवन में अनुचित व अप्रिय समझे जाने वाले काम भी करने की संभावना रहती है। जिस कारण पिता व परिवार की समाज में बदनामी हो सकती है किन्तु ऐसे कार्यों से उसके काम काज पर एवं उच्च पदासीन लोगों पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। फिर भी ऐसा जातक स्वमं में प्रसन्न रहने वाला होता है। ऐसा जातक ज्योतिष एवं संगीत में रूचि रखने वाला होता है।
ऐसा जातक अपने पिता पर भारी होता है व उसे पिता सुख का अभाव भी रह सकता है। बुध के कारण पत्नी एवं संतान पर कुप्रभाव पड़ता है। ऐसे जातक का गृहस्थ जीवन सुखी नहीं रहता व संतान से भी सम्बन्ध अप्रिय ही रहने की संभावना अधिक रहती है।
यूँ तो ऐसे जातक की आयु लम्बी होती है किन्तु आयु बाधा की संभावना भी बनी रहती है। ऐसे जातक को जीवन पर्यन्त अड़चनों व मुसीबतों का सामना करने की प्रबल संभावना बनी रहती है। ऐसे जातक को जीवन में आये उत्थान व पतन से सर्वदा ग्रस्त रहना पड़ता है। धर्म सम्बंधित कार्यों में सर्वदा रुकावटें व अड़चन आने से भाग्य भी प्रभावित रहेगा। जीवन की उथल पुथल से आक्रांत हो वानप्रस्थ की इच्छा जाग्रत होगी किन्तु वहां भी चैन व शांति नहीं मिल पाएगी।
जन्म कुंडली के नवम भाव हेतु बुध ग्रह टोटके :
♦ नवीन वस्त्र बिना धोये धारण न करें।
♦ हरे रंग का प्रयोग न करें।
♦ तोता व बकरी घर में न पालें।
♦ लाल रंग की लोहे की रंगीन गोली सदा अपने समीप रखें।
♦ ताम्बे का छेकल पैसा धारण करें।
♦ किसी साधू अथवा फ़कीर से कोई धागा, भभूत, ताबीज, रत्न आदि न लें।
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