7 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध ग्रह पंचम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक पूर्ण ज्ञानी, तीव्र बुद्धि वाला, तेजस्वी एवं उत्तम चरित्र का स्वामी होता है। ऐसा जातक आयुर्वेद शास्त्र एवं ज्योतिष शास्त्र के प्रति आकर्षण रखने वाला होता है। ऐसा जातक तंत्र मन्त्र पर यकीन करने वाला होता है। अध्यात्म, धर्म कर्म एवं प्रभु भक्ति में लीं रहने वाला होता है। ऐसे जातक के मुख से निकली बात ब्रह्म वाक्य के सामान होती है अर्थात ऐसा जातक बिना सोचे समझे भी कुछ बात कह दे तो वह सत्य सिद्ध हो जाती है। ऐसा जातक बहुत अधिक कल्पनाशील होता है। अपनी इस आदत के कारण वह कभी कभी भय ग्रस्त भी हो जाता है। कटु वचन कहने से परहेज करना सर्वथा उचित रहता है।
जन्म कुण्डली में बुध ग्रह पंचम भाव में स्थित होने से सम्बंधित जातक कुशल प्रबंधकर्ता होता है। ऐसा जातक बुद्धिमान व विद्यावान होता है। जीवन काल के चौंतीस वर्ष पश्चात भाग्य उदय होता है। अकस्मात धन प्राप्ति के योग भी बनते हैं। ऐसे जातक को जीवन के बहुत अच्छे दिन भोगने का सौभाग्य प्राप्त होता है व एक खुशहाल व सुखमय जीवन यापन करता है। मित्र, सगे सम्बन्धी व अन्य व्यक्ति ऐसे जातक से प्रभावित रहते हैं।
जन्मपत्री के पंचम भाव हेतु बुध ग्रह टोटके :
♦ चांदी की अंगूठी धारण करें।
♦ तांबे का छेकल पैसा गले में धारण करें।
♦ पितृ ऋण के उपाय करें।
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