ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

एकादश भाव का लाल किताब कुंडली विवेचना में महत्व

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

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किसी जातक की लाल किताब जन्म कुंडली विवेचना में ग्यारवां भाव क्या बतलाता है ? जाने

 

♦   लाल किताब अनुसार जन्म कुण्डली में स्थित एकादश भाव का स्वामी ग्रह शनि है एवं कारक ग्रह गुरु एवं शनि हैं।

♦   एकादश भाव में गुरु एवं शनि गृहफल के ग्रह हैं किन्तु इस भाव में राशिफल का कोई ग्रह नहीं होता है।

♦   इस भाव के माध्यम से सम्बंधित जातक के सामाजिक स्थिति, बड़े भाई, मित्रों, लाभ एवं आकांक्षाओं के सम्बन्ध में विवेचन किया जाता है।

♦   एकादश भाव भाग्य की ऊंचाई के सम्बन्ध में बताता है।

♦   जातक के रोजगार का कार्यक्षेत्र, कार्यक्षेत्र में मालिक अथवा अफसर से जातक के सम्बन्ध मिलान, धनार्जन के साधन, आर्थिक स्थिति के सम्बन्ध में विवेचन एकादश भाव से ही किया जाता है।

♦   लाल किताब की धारणा के अनुसार एकादश भाव लालच का घर बताया गया है।

♦   जातक के लालची स्वभाव का स्तर, कार्य क्षमता का स्तर, कार्य शैली का स्तर, आलस्य का स्तर एकादश भाव से ही विवेचित किया जाता है।

♦   एकादश भाव का सम्बन्ध घर की पश्चिम दिशा वाली दीवार से होता है।

♦   जातक के घर की बाहरी सुंदरता के स्तर अथवा बने बनाये घर के क्रय करने के सम्बन्ध में एकादश भाव ही बताता है।

♦   देह में गुदा के ऊपरी भाग एवं माथे का कारक एकादश भाव ही होता है।

 

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