ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

लाल किताब कुंडली के पंचम भाव में स्थित मंगल ग्रह का फलादेश एवं टोटके

Sandeep Pulasttya

6 साल पूर्व

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जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में मंगल ग्रह पंचम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक की आयु के बढ़ने के साथ साथ ही उसकी धन सम्पदा में वृद्धि होती है। प्रत्येक जन्म दिवस के पश्चात से ऐसे जातक की उन्नति होती चली जाती है। ऐसे जातक को विरासत में धन संपत्ति प्राप्त होती है। ऐसा जातक अपने धनवान दादा, पिता अथवा भाई से भी उच्च स्तर का धनवान होता है। ऐसे जातक का पुत्र एवं पोता भी धनवान होता है। ऐसे जातक के घर पुत्र उत्पन्न होने के पश्चात उसकी भाग्योन्नति होती है। 

जन्म कुण्डली में मंगल ग्रह पंचम भाव में स्थित होने से जातक अपने जन्म स्थान से दूर अपना निवास करता है। ऐसा जातक जीवन में अनेकों यात्राएं करता है। ऐसे जातक के परिवार में कोई डॉक्टर अथवा चिकित्सक हो सकता है। ऐसे जातक को कर्ण सम्बंधित रोग जोड़ों का दर्द, पैरों में किसी प्रकार की तकलीफ रहने की पूर्ण संभावना रहती है। ऐसा जातक स्वभाव से शान्त का होता है। जातक संतान एवं पत्नी सुख का भोग करने वाला होता है। ऐसा जातक यदि अपने घर के आँगन में नीम का पेड़ लगाए तो सुख की प्राप्ति करता है।

 

 

जन्मपत्री के पंचम भाव हेतु मंगल ग्रह टोटके :

1. सदैव सदाचार का पालन करें।

2. घर में नीम का वृक्ष रोपित करें।

3. रात्रि सोते समय पीने का पानी अपने सिरहाने रखें व प्रातः उस पानी का सेवन कर लें।

 

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