ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

लाल किताब कुण्डली नवम भाव फलादेश एवं महत्व

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

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लाल किताब ज्योतिष अनुसार नवम भाव से किसी जातक के विषय में क्या क्या ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है अथवा लाल किताब का नवम भाव जातक के विषय में क्या ज्योतिष फलादेश देता है निम्न बिंदुओं अनुसार आप स्वमं जान सकते हैं :

 

♦   लाल किताब अनुसार जन्म कुण्डली में स्थित नवम भाव का स्वामी ग्रह गुरु है एवं कारक ग्रह भी गुरु है।

♦   नवम भाव में गुरु गृहफल का ग्रह हैं शनि राशिफल का ग्रह होता है।

♦   नवम भाव से किसी जातक की प्रसिद्धि, उच्च शिक्षा, सौभाग्य एवं पूजा का विवेचन किया जाता है।

♦   लाल किताब की धारणानुसार नवम भाव भाग्य की नीव होता है।

♦   कार्यस्थल का विवरण, घर परिवार के बुजुर्ग व्यक्तिओं की दशा एवं उनसे होने वाले लाभ का कारक नवम भाव है।

♦   जातक कितना धार्मिक, आध्यात्मिक एवं परोपकार करने वाला होगा, इसका विवेचन भी नवम भाव से किया जाता है।

♦   सम्बंधित जातक अपने समय का कितना सदुपयोग करेगा अथवा कितना दुरूपयोग इसी भाव से जाना जाता है।

♦   जातक के जीवन में संघर्ष, मानसिक जागरूकता एवं जीवन में व्यस्तता का कारक नवम भाव होता है।

♦   नवम भाव का सम्बन्ध घर की उत्तर पूर्व दिशा वाले भाग से होता है।

♦   घर के फर्श, घर में बुजुर्गों के शयनकक्ष, घर के भीतर स्थित मंदिर का कारक नवम भाव ही होता है।

♦   मानव देह स्थित नाक के नथुनो एवं वीर्य का कारक नवम भाव होता है।

 

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