7 साल पूर्व
लाल किताब की धारणा अनुसार ग्रहों के अशुभ प्रभाव के निवारणार्थ उनसे सम्बंधित वस्तुओं को धारण करना सर्वथा अनुचित है। लाल किताब अशुभता की स्थिति में ग्रहों से सम्बंधित वस्तुओं का दान अथवा बहते जल में प्रवाहित करने की अवधारणा का समर्थन करती है। लाल किताब की धारणा अनुसार केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में अशुभ ग्रहों की वस्तु अथवा रत्न का धारण किया जा सकता है।
अशुभ सूर्य ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को हरिवंश पुराण का पाठ नियम संयम से करना चाहिए। गुड़, गेहूं एवं ताम्बे का दान करें अथवा बहते जल में प्रवाहित करें। रात्रि के समय चूल्हा बुझाते समय उस पर दूध की छींटे मारकर बुझाएं। कोई भी कार्य आरम्भ करने से पूर्व अथवा घर से किसी कार्य के लिए निकलने से पूर्व थोड़ा गुड खाकर पानी पे लें तत्पश्चात कार्य आरम्भ करें अथवा घर से निकलें।
अशुभ चन्द्रमा ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को रात्रि के समय दूध नहीं पीना चाहिए। दूध से सम्बंधित व्यवसाय न करें। दूध का दान करें। भैरों बाबा के मंदिर में दूध का दान करें। रात्रि सोने पूर्व दूध अथवा जल से लोटा भरकर अपने सिरहाने रख लें, प्रातः उठकर सर्व प्रथम उस लोटे में भरे जल अथवा दूध को कीकर की जड़ में उड़ेल दें। कुंवारी कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र दें। शमशान घाट में लगे भूमिगत जल स्रोत से थोड़ा जल लाकर घर में रखें। अक्षत, चांदी अथवा प्राकृतिक जल सदैव अपने निकट रखें।
अशुभ मंगल ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में मंगल नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को हनुमान चालीसा का नित्य व निरंतर रूप से पाठ करना चाहिए। हनुमान जी का पूजन अर्चन करना चाहिए। तंदूरी रोटी को मीठा कर दान स्वरुप किसी को खाने को दें। मसूर की दाल, मृगछाला दान करें। बताशे, रेवाड़ी को बहते जल में प्रवाहित करें।
अशुभ बुध ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को चांदी का छेकल पैसा बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए। दुर्गा माता की उपसाना करें व उनका पूजन अर्चन शुद्ध मन से करें। दुर्गा माता के मंदिर में प्रसाद चढ़ाएं। जातक अपने दांतों को फिटकरी से साफ़ करे। कौड़ियों को अग्नि में जलाएं व उसी दिन उसे बहते जल में प्रवाहित करें। नाक का छेदन करवाएं। बकरी का दान करें। कुंवारी कन्याओं को टीका लगाएं व उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। पन्ना रत्न धारण करें।
अशुभ बृहस्पति ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में बृहस्पति नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक यदि हल्दी, चने की दाल, केसर अथवा स्वर्ण का दान करे तो उत्तम फलदायक होता है। जातक को पुत्र न होने की स्थिति में नियम संयम से हरिवंश पुराण का पाठ एवं विष्णु जी का पूजन अर्चन करना चाहिए। पीपल के वृक्ष का रोपण कर उसकी सिंचाई व लालन पालन करने से उचित राहत प्राप्त होती है।
अशुभ शुक्र ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में शुक्र नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को गाय की सेवा करनी चाहिए। जातक को भोजन ग्रहण करने से पूर्व थाली में से रोटी का एक कोर गाय के नाम का निकाल देना चाहिए तत्पश्चात भोजन ग्रहण करने के उपरान्त उसे गाय को खिलाना चाहिए। चरी गाय को खिलाएं अथवा दान करें। जातक विधवा स्त्रियों की सेवा व सहायता करे। लक्ष्मी जी का श्रद्धापूर्वक पूजन अर्चन करें। गरीब लोगों की सहयता करें। सफ़ेद मोती, दही, घी व कपूर का दान करें अथवा बहते जल में प्रवाहित करें।
अशुभ शनि ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में शनि नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक सर्पों को दूध पिलायें व उनकी रक्षा करें। शनिवार के दिन उपवास रखें। भैरो जी का पूजन अर्चन करें एवं भैरो जी के मंदिर में शराब चढ़ाएं। तेल व शराब मुफ्त में बाटें किन्तु स्वमं मांस मदिरा का सेवन कदापि न करें। रोटी पर सरसों का तेल व चीनी लगाकर गायों व कुत्तों को खिलाएं। झूंठ कदापि न बोलें व न ही किसी के साथ गाली गलौंच करें। वानर पालें अथवा वानरों को भुने चने खिलाएं। सदाचार का पालन करें व अपना आचरण पवित्र रखें।
अशुभ राहु ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में राहु नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को समुन्द्र में अथवा बहते जल में नारियल प्रवाहित करना चाहिए। खोटा पैसा बहते जल में प्रवाहित करें। जौ को दूध से धोकर बहते जल में प्रवाहित करें। यदि जातक को क्षय रोग हो जाए तो ऐसे समय जौ को गाय के मूत्र से धोकर डिब्बे में बंद कर लें व अपने निकट रखें। नीलम एवं सरसों सफाई कर्मचारी को दान स्वरुप दें।
अशुभ केतु ग्रह हेतु टोटके :
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में केतु नीच का होकर अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को तिल का दान करना चाहिए। पुत्र पर संकट आने पर काले कुत्ते को 43 दिनों तक एक तरफ से मीठी व दूसरी ओर घी से चुपड़ी रोटी खिलाएं। जातक का पुत्र यदि आज्ञाकारी न हो अथवा दुर्व्यवहार करता हो तो ऐसी स्थिति में काले सफ़ेद चितकबरे कम्बल का मंदिर में दान करें। मूत्र सम्बंधित रोग होने पर चांदी का छल्ला रेशम के धागे में पिरोकर जातक अपने गले में धारण करे। श्रद्धापूर्वक नियम संयम से गणेशजी का पूजन अर्चन करें।
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