ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

लाल किताब की आचरण संहिता

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

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लाल किताब के जनक ने इसकी आचरण संहिता में लिखा है कि कोई भी जातक जो अपनी कुंडली स्थित ग्रहों अथवा योगों से पीड़ित है उसको अपने कुण्डली फलित के अनुसार ग्रह शान्ति के लिए निर्धारित उपाय अथवा टोटके करने तो आवश्यक हैं ही किन्तु साथ ही साथ उन्होंने कुछ निर्धारित आचरण सम्बंधित नियमों का भी उल्लेख किया है जिनका ढृढ़ रूप से पालन करने पर कुंडली स्थित बहुत से दोषों से काफी हद तक बचा जा सकता है। लाल किताब में उल्लेखित आचरण सम्बंधित नियमावली का विवरण निम्नवत हैं :-

 

लाल किताब आचरण संहिता अनुसार :

⇒   किसी भी जातक को मांसाहार, मदिरापान एवं मधपान को पूर्णतया निषेध करना चाहिए।

⇒   आचरण शुद्ध रखें।

⇒   विकलांग व्यक्तियों को भोजन कराएं व यथा संभव उनकी सहायता करें।

⇒   माता पिता की निःस्वार्थ सेवा करें।

⇒   पत्नी की आवश्यकताओं को पूरा करें, उचित प्रकार से देखभाल करें व उसके साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार रखें।

⇒   पत्नी के अतिरिक्त अन्य स्त्रियों से दैहिक सम्बन्ध न स्थापित करें।

⇒   ससुराल से सम्बन्ध मधुर रखें।

⇒   बड़े भाई की पत्नी की सेवा करें।

⇒   बड़े बुजुर्गों का चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

⇒   संयुक्त परिवार में रहे।

⇒   बहिन बेटियों को मीठी वस्तुएं उपहार में दें।

⇒   कन्याओं को टीका करें व उनके चरण स्पर्श करें एवं उन्हें हरे रंग के वस्त्र प्रदान करें एवं उत्तम मिष्टान खिलाकर प्रसन्न रखें।

⇒   विधवा स्त्रियों की यथा संभव सहायता करें।

⇒   मुनष्योंत्तर जीव जैसे गाय, कुत्ता, बन्दर, कौआ आदि को भोजन दें।

⇒   पशुओं अथवा किसी अन्य जीव जंतुओं पर क्रूरता न करें।

⇒   सदैव साफ़ शुद्ध वस्त्र धारण करें।

⇒   ईश्वर पर पूर्ण आस्था रखें।

⇒   देवी देवताओं की उपासना नियम संयम एवं श्रद्धापूर्वक करें।

⇒   नाक को सदैव साफ़ रखें।

⇒   दांतों को सदैव साफ़ रखें।

⇒   संभव हो तो अपने कान व नाक छिदवाएँ।

⇒   किसी के साथ गाली गलौंच न करें।

⇒   किसी के सम्बन्ध में अपशब्द न प्रयोग करें।

⇒   कभी किसी की झूंठी गवाही न दें।

⇒   कदापि झूँठे वचन न बोलें।

⇒   किसी काने अथवा गंजे व्यक्ति से सावधान रहे।

⇒   मुफ्त में कभी किसी से कुछ न लें।

⇒   किसी निःसंतान की संपत्ति न तो खरीदें अथवा न ही हड़पे।

⇒   दक्षिणा मुखी घर में निवास न करें।

⇒   घर का निर्माण करवाते समय उसमें कुछ स्थान कच्चा छोड़ दें।

⇒   घर की छत में छेद न रखें।

 

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