8 साल पूर्व
कुण्डली में बहिन - बेटी ऋण स्थित होने का कारण :-
यदि जातक की जन्म कुंडली में बहिन - बेटी ऋण दोष है तो इसका कारण उस जातक द्वारा अथवा सहभागिता से बहिन अथवा बेटी की हत्या करना अथवा बहिन - बेटी पर अत्याचार करना अथवा उनका घोर उत्पीड़न करना मूल कारण होता है।
कुण्डली में बहिन - बेटी ऋण की पहचान :-
जन्म कुण्डली के तृतीय अथवा षष्टम भाव में चन्द्रमा ग्रह के स्थित होने से बहिन - बेटी ऋण का योग बनाता है। चन्द्रमा ग्रह के तृतीय अथवा षष्टम भाव में स्थित होने से बुध ग्रह पीड़ित हो जाता है।
बहिन - बेटी ऋण के जातक पर प्रभाव :-
जिस जातक की जन्म कुण्डली बहिन - बेटी ऋण दोष से युक्त होती है ऐसे जातक की बहिन अथवा पुत्री के विवाह अथवा जन्म के समय अचानक से घटनाएं घटित होना प्रारम्भ हो जाती हैं। जातक के पास अकूत धन, संपत्ति होते हुए भी नष्ट हो जाती है। जातक चहुँ ओर से निराश, हताश एवं बर्बाद हो जाता है। जातक के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसा जातक सम्भोग करने में असमर्थ हो जाता है। सम्बंधित जातक के दांत असमय गिरने लगते हैं। जातक की सुगंध महसूस करने की शक्ति लगभग समाप्त हो जाती है। ऐसा सब बुध ग्रह के पीड़ित होने के कारण वर्ष होता है।
बहिन - बेटी ऋण निवारण हेतु लाल किताब के टोटके :-
परिवार के सभी सदस्यों से बराबर मात्रा में पीले रंग की कौड़ी एकत्र करें व उन्हें जला दें। दांतों को साफ़ रखें। नाक छेदन करवाने से भी लाभ प्राप्त होता है।
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