3 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह नवम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक अपने विरासत में प्राप्त हुए व्यवसाय अथवा ठेकेदारी के व्यवसाय से अपने वंश का बेडा पार करने वाला होता है। जातक को उच्च श्रेणी के राजनीतिज्ञों के बीच सम्मान की प्राप्ति होती है। जातक को उत्तम भवन एवं उत्तम वाहन का सुख प्राप्त होता है। जातक अपनी सात पुश्तों को तारने वाला होता है। जातक के पिता को राजकीय पक्ष से लाभ प्राप्त होता है। जातक भाग्यवान होता है। बाइसवें वर्ष की आयु में जातक के जीवन पर शुभ प्रभाव पड़ता है। ऐसे जातक का लालन पालन सुख सुविधाओं के साथ होता है। जातक को जीवन में कभी भी धन की अल्पता नहीं देखनी पड़ती है।
जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह नवम भाव में स्थित होने से जातक दीर्घ आयु होता है एवं उसको माता पिता का दीर्घ कालीन सुख प्राप्त होता है। जातक परोपकारी एवं दूसरों की निःस्वार्थ सहायता करने वाला होता है। जातक को स्त्री पक्ष से सुख एवं लाभ की अपेक्षा करना व्यर्थ है। ऐसे जातक का परिवार बड़ा होता है एवं जातक अपने परिवार के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होता है। जातक अपने जीवन काल में कई धार्मिक यात्राएं करता है जिसका उसे परोक्ष लाभ प्राप्त होता है। जातक को अपना स्वाभाव अति उग्र अथवा अधिक नम्र रखने से सर्वस्व खोना पड़ सकता है।
जन्म कुंडली के नवम भाव हेतु सूर्य ग्रह टोटके :
♦ पीतल अथवा तांबे के बर्तन दैनिक उपयोग में लाएं।
♦ किसी से चांदी, दूध अथवा चावल मुफ्त में न लें।
♦ चांदी, दूध अथवा चावल का दान करें।
♦ अत्यधिक क्रोध व अत्यधिक सहनशीलता दोनों हानिकारक हैं।
♦ रसोईघर में कोई बड़ा बर्तन खाली न रखें।
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