7 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह तृतीय भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक युवावस्था में बहुत धन अर्जित करता है एवं ऊंचाइयों की बुलंदी को छूता है। जातक स्वभाव से खर्चीला होता है। ऐसे जातक का भाग्य कभी एक सामान फल नहीं देता जीवन में जल्दी जल्दी उतार चढ़ाव लगे रहते हैं। जातक बहादुर, जिम्मेदार एवं दूसरों की सहायता करने में अग्रणी रहने वाला होता है। ऐसे जातक के मित्रों एवं रिश्तेदारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह तृतीय भाव में स्थित होने से जातक उत्साह से भरपूर होता है। जातक शारीरिक रूप से बेहद चुस्त दुरुस्त होता है। जातक के कई शत्रु होते है। जातक को लड़ाई झगड़ों से दूरी बनाकर रखना उचित रहता है। घर में रखे हथियार को सावधानी पूर्वक निगरानी में रखना उचित रहता है। ऐसे जातक के घर में ऐशो आराम के समस्त संसाधन उपलब्ध रहते हैं। जातक के घर में चोरी हो इसकी संभावना रहती है। जातक को नेत्र सम्बंधित रोग हो इसकी संभावना है। ऐसे जातक को कई भाई बहिनो का सुख प्राप्त होता है। जातक के पत्नी के भाई अच्छे सम्बन्ध होते है एवं उससे लाभ प्राप्त होता है। जातक यदि अपना घर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर बनवाएं तो शुभ फल दायक रहता है।
जन्मपत्री के तृतीय भाव हेतु सूर्य ग्रह टोटके :
♦ सदैव सदाचार का पालन करें।
♦ माता व दादी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
♦ निर्धन बच्चों की सहायता करें।
♦ घर के मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण दक्षिण दिशा की ओर मुख कर करवाएं।
♦ क्रोध पर काबू रखें।
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