8 साल पूर्व
|| श्री हनुमान जी आरती ||
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरिवर काँपै। रोग-दोष जाके निकट न झाँपै ॥
अंजनी पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई ॥
लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि संजीवन प्रान उबारे ॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावन के भुजा उखारे ॥
बाएं भुजा असुर दल मारे। दहिने भुजा संतजन तारे ॥
सुर नर मुनि आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरति करत अंजना माई ॥
जो हनुमानजी की आरति गावै। बसि बैकुण्ठ परम पद पावै ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
|| Shri Hanuman Ji Arti ||
Arti kijai Hanuman lala ki l Dusht dalan Raghunath kala ki ll
Jake bal se girivar kaanpe l Bhoot pishach jahe nikat na jhanpe ll
Anjaniputra mahabaldai l Santan ke prabhu sada sahai ll
De bira Raghunath pathae l Lanka jare Siya sudhi lae ll
Lanka so kot samudra si khai l Jat Pavan sut bar na lai ll
Lanka jari asur sanhare l Siyaram ji ke kaj sanvare ll
Lakshman murchhit pade sakare l Aani sanjivan pran ubare ll
Paithi patal tori jam kare l Ahiravan ki bhuja ukhare ll
Baien bhuja se asur sanhare Dahiney bhuja santjan tare
Sur nar muni arti utaren l Jai jai jai Hanuman ucharen ll
Kanchan thar kapur lou chhai l Arti karat Anjani mai ll
Jo Hanuman ji ki arti gave l Basi baikunth param pad pave ll
Arti kijai Hanuman lala ki l Dusht dalan Raghunath kala ki ll
नोट : अपने जीवन से सम्बंधित जटिल एवं अनसुलझी समस्याओं का सटीक समाधान अथवा परामर्श ज्योतिषशास्त्र के हॉरोस्कोप फॉर्म के माध्यम से अपनी समस्या भेजकर अब आप घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं | अधिक जानकारी आप ज्योतिषशास्त्र के FAQ's पेज से प्राप्त कर सकते हैं |
© The content in this article consists copyright, please don't try to copy & paste it.