8 साल पूर्व
हस्तलेख अथवा आत्मभिव्यक्ति के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन एवं भविष्य के सम्बन्ध में जान लेने वाले विज्ञान को हस्तलेख विज्ञान कहते हैं। यह कहने एवं सुनने में बड़ा ही हास्यपद लगता है किन्तु ये सत्य है कि किसी भी व्यक्ति का हस्तलेख असल में उसका चरित्र लेख है, अर्थात किसी व्यक्ति के लिखने का ढंग उसके व्यक्तित्व एवं चरित्र का वृतांत बताता है। यहाँ हमने भिन्न-भिन्न प्रकार के हस्तलेखों के मायनों का विश्लेषण किया है –
हस्तलेख में स्थित कोण
हस्तलेख में यदि शब्दों के कोण सीधे हैं, दाएं अथवा बाएं ओर को झुके हुए हैं अथवा किसी अन्य डिग्री में हैं, के माध्यम से किसी व्यक्ति का चरित्र चित्रण सरलता से ज्ञात किया जा सकता है।
♦ जिन व्यक्तियों का हस्तलेख बिल्कुल सीधा ऊपर या नीचे की ओर जाता है ऐसे व्यक्ति आत्मसीमित प्रवृत्ति वाले होते है। ऐसे व्यक्ति अपनी दैनिक आवश्यकताओं अथवा आसपास के वातावरण से प्रभावित नहीं होते।
♦ ऐसे व्यक्ति विश्वसनीय होते हैं क्यूंकि ये सच्चे एवं स्पष्टवादी होते हैं। ऐसे व्यक्ति किसी बात का खण्डन मृदु शब्दों में न कर अपितु कड़े शब्दों में करते। ऐसे व्यक्ति कोई लाग लपेट नहीं रखते। ऐसे व्यक्ति यदि किसी की सहायता नहीं करना चाहते हैं, तो उसके मुंह पर ही मना कर देंगे। ऐसे व्यक्ति किसी के मुंह पर तारीफ और पीठ पीछे उसकी बुराई भी नहीं करते। ये स्पष्टवादी तो होते हैं किन्तु रूखेपन से बात नहीं करते। अप्रिय लगने वाले कथन को भी बड़े ही मोहक ढंग से व्यक्त कर देते हैं।
♦ जिस व्यक्ति के हस्तलेख में शब्दों का दाहिने हाथ की ओर हल्का सा झुकाव सम्बंधित व्यक्ति के सरल स्वभाव की ओर संकेत करता है। ऐसे व्यक्ति स्पष्टवादी एवं उदार होने के साथ साथ दूसरों के प्रति मित्र भाव की प्रवृत्ति भी रखते हैं एवं प्रत्येक वस्तु को यथास्थिति ही स्वीकार कर लेते हैं।
♦ जिस व्यक्ति के हस्तलेख में शब्दों का दाहिने हाथ की ओर अधिक झुकाव होता है ऐसा व्यक्ति उदार एवं भावुक प्रवृत्ति का होता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों को प्रसन्न रखने का भरपूर प्रयास करते हैं एवं यही उनके सफल जीवन का आधार भी है। ऐसे व्यक्ति जीवन में उन्नति अवश्य ही करते हैं। ये भविष्य के सम्बन्ध में अत्यधिक विचारशील होते हैं। इनका वर्तमान व्यवहार इनको भविष्य में सफलता प्रदान कराता है। ऐसे व्यक्ति अत्यंत ही दयालु एवं संवेदनशील प्रवृत्ति के होते हैं। दूसरों की सच्ची प्रशंसा करते हैं एवं दूसरों से सच्ची प्रशंसा प्राप्त भी करते हैं।
♦ जिस व्यक्ति के हस्तलेख में शब्दों का असाधारण रूप से दाहिनी ओर को झुकाव होता है वे व्यक्ति चिड़चिड़े एवं शीघ्र क्रोधित होने की प्रवृत्ति रखते हैं। ऐसे व्यक्ति अधिकांशतः कल्पनाओं में खोए रहते हैं एवं व्यावहारिक तर्कशास्त्र के किसी नियम को नहीं मानते हैं।
♦ जिस व्यक्ति के हस्तलेख में शब्दों का झुकाव बिल्कुल आगे की ओर हो ऐसा व्यक्ति अस्थिर प्रवृत्ति वाला एवं अविश्वसनीय भी होता हैं। ऐसा व्यक्ति स्वमं पर ही भरोसा नहीं कर पाता क्यूंकि उसमें दृढ़निश्चय, दोषानुभव का साहस एवं जागरूकता की कमी होती है। अतः ऐसे व्यक्ति से तर्क वितर्क करना अपना समय नष्ट करने के बराबर है।
♦ जिस व्यक्ति के हस्तलेख में शब्दों का झुकाव दाहिनी ओर को बहुत अधिक हो, ऐसा व्यक्ति सदा आपे से बाहर रहता है। विकृत कल्पनाओं में खोया रहता है एवं अपनी योजनाएं ही विफल कर लेता है। ऐसे व्यक्ति स्वमं को ही छलते हैं।
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