ज्योतिषशास्त्र : हस्तरेखा एवं अंकज्योतिष

अंक 3 तीन का महत्त्व व फलादेश

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

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न्यूमरोलॉजी अर्थात अंक ज्योतिष के अनुसार जिन व्यक्तियों का मूलांक तीन होता है ऐसे व्यक्तियों का मस्तिष्क भी त्रिकोण का आकार लिए होता है। ऐसा त्रिकोणाकार मस्तिष्क जिस व्यक्ति का होता है वह प्रतिभावान, फुर्तीला एवं अंतर्ज्ञानी होता है। ऐसा व्यक्ति किसी भी बात को बहुत शीघ्रता से सीख व समझ लेता है, एवं विश्वसनीयता से निभाने की क्षमता भी रखता है।

जिन व्यक्तियों का मूलांक तीन होता है ऐसे व्यक्ति योग्य, समर्थ एवं सहयोगी किस्म की प्रवृत्ति वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति स्वस्थ होते हैं एवं हर्षमय वातावरण में रहना पसंद करते हैं। ये दिलचस्प व्यक्तियों की प्रशांसा खुले ढंग से करते हैं। इनमें सही समय एवं स्थान पर सही कार्य करने की क्षमता होती है। ऐसे व्यक्ति, सक्षम, धैर्यवान एवं विश्वसनीय प्रवृत्ति वाले होते हैं, किन्तु इनमें एक बहुत बुरी प्रवृत्ति भी स्थित होती है, ये छोटे छोटे लाभों के लिए दीर्घकालीन एवं बड़े अवसरों की बलि दे देते हैं।

मूलांक तीन वाले व्यक्ति कला, विज्ञान एवं खेलजगत में प्रसिद्धि व उन्नति पाते हैं। यदि ऐसे व्यक्ति भले मानसों से परामर्श लें व उनकी संगत करें एवं समय पर सही निर्णय लें, तो इनका भविष्य उन्नति की ओर अग्रसर होता चला जाता है।

 

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