8 साल पूर्व
गुरु वलय
♦ गुरु वलय तर्जनी ऊँगली की जड़ में अर्द्धवृत्ताकार रेखा के रूप में स्थित होता है।
♦ जब गुरु वलय स्पष्ट लम्बा और बिना कटा हो, तो यह आध्यात्कि ज्ञान के क्षेत्र में अन्तर्दृष्टि का धोतक है।
♦ यह अलौकिक ज्ञान एवं उसकी ओर आकर्षण का चिन्ह है।
शुक्र वलय
♦ यह अर्द्धवृत्ताकार रेखा है, जो तर्जनी ऊँगली के निकट से प्रारम्भ होकर कनिष्ठा ऊँगली पर आकर समाप्त होती है।
♦ यह वलय भावनाओं एवं सौन्दर्यानुभूति से सम्बन्धित है।
♦ जब शुक्र वलय स्पष्ट एवं किसी प्रकार के दोष से रहित हो, तो यह दुर्लभ संवेदनशील प्रतिक्रिया का धोतक होता है। ऐसा व्यक्ति सौन्दर्य के प्रति बौद्धिक चेतना वाला होगा। ऐसा व्यक्ति काम वासनाओं के जाल में भी फंस सकता है।
♦ ऐसा व्यक्ति स्वयं पर नियन्त्रण नहीं रख पाता। अतः उसे अप्रिय स्थितियों से बचने के लिए स्वयं पर नियन्त्रण रखना चाहिए।
शुक्र वलय से समलैंगिकता का निर्धारण
समलैंगिकता बताने के मुख्य लक्षणों का सही सही निर्धारण करना कठिन है, किन्तु ऐसे हाथों में शुक्र वलय विधमान रहता है। ऐसा लगता है कि शुक्र वलय तथा अन्य रेखाओं का विकास समलैंगिकता के विकास का संकेत है। केवल शुक्र वलय ही समलैंगिकता का प्रतीक नहीं हैं।
शनि वलय
♦ यह भी अर्द्धवृत्ताकार रेखा है, जो कि माध्यमा ऊँगली की जड़ में धनुष सा प्रतीत होने वाला आकार बनाती है।
♦ जिन व्यक्तियों के यह रेखा स्थित होती है वह व्यक्ति गहन दार्शनिक चिन्तन करने वाला होता है, जिस कारण यह सम्बंधित व्यक्ति को नकारात्मक रवैये, निराशावाद, उदासी एवं विषमता की ओर ले जाती हैं।
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