8 साल पूर्व
स्त्रियोचित स्वभाव से तात्पर्य स्त्रियों के सामान व्यवहार से है। इस प्रकार के स्वभाव अथवा व्यवहार वाला पुरुष अथवा नारी कोई भी हो सकता है। जो पुरुष इस प्रकार का स्वभाव रखते है उनकी चाल नजाकत वाली होती है, ऐसे पुरुष एक हाथ कमर पर रखकर एवं दूसरे हाथ को ढीला छोड़कर चलते हैं। ऐसे पुरुष चश्मे, इत्र, कैमरा एवं सुन्दर सजीले बैग लेकर, बाहर निकलते हैं।
स्त्रियोचित स्वभाव लिए पुरुष अत्यधिक आडम्बरी होते हैं। ये जीवन के छोटे छोटे आडम्बरों में तल्लीन रहते हैं। इनके बिना इन्हें अपना जीवन निरर्थक सा प्रतीत होता है। अत्यधिक स्त्रियोचित स्वभाव युक्त नारी भी अत्यधिक नारीत्व का प्रदर्शन करती है।
ऐसा देखा गया है कि कुछ स्त्रियां भी अत्यधिक स्त्रियोचित स्वभाव युक्त होती है। जिन स्त्रियों में स्त्रियोचित भावना कम होती है ऐसी नारी निर्भय एवं मजबूत मस्तिष्क व इरादो वाली होती हैं।
एक स्त्रियोचित स्वभाव वाला पुरुष एक स्त्री की भांति व्यवहार करने वाला होता है। ऐसा पुरुष अपने मर्दाना कर्तव्यों की अपेक्षा वेशभूषा व सजने सवरने पर अधिक ध्यान देता है। इस प्रकार के पुरुषों में उच्च घराने में पैदा हुई स्त्रियों की सी कमजोरी तथा कोमलता विधमान होती है। चाहे वे गरीबी में ही पैदा क्यों न हुए हों, किन्तु उनमें महलों की राजकुमारियों जैसी शिष्टता विधमान रहती है।
हिन्दू धर्म के सिद्धान्त के अनुसार यह सब पूर्वजन्म के कर्मों से सम्बंधित है। अन्यथा एक अस्तबल में पैदा हुआ लड़का, महलों की राजकुमारियों जैसा व्यवहार कैसे कर सकता है।
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