8 साल पूर्व
फेंगशुई की धारणा के अनुसार निम्नवत दिए गए उपायों का अनुसरण कर समृद्धि की प्राप्ति की जा सकती है-
♦ फेंगशुई की धारणा अनुसार जमीन पर कदापि भी नहीं सोना चाहिए क्यूंकि जमीन पर सोने से दरिद्रता आती है।
♦ धन एवं समृद्धि की प्राप्ति हेतु घर के अंदर प्रमुख प्रवेश द्धार के निकट मुँह में सिक्का दबाये तीन टांगों वाले मेंढक की मूर्ति रखें। यह सुनिश्चित कर लें कि मेंढक का मुँह घर के अन्दर की ओर हो न कि बाहर की ओर।
♦ तीन चीनी सिक्कों को आपस में लाल डोरी से बांधकर इन्हें घर, दुकान अथवा कार्यालय के प्रमुख प्रवेश द्धार के अन्दर वाले कुंडे पर बांध दें।
♦ व्यवसाय करते समय, व्यवसायी के बैठने के स्थान के पीछे यदि खुली खिड़की है तो उसे बंद कर दें। यदि इस बन्द खिड़की में एक स्वस्थ, हरा पौधा भी रख दें तो और भी उत्तम रहता है। व्यवसायी के बैठने के स्थान के पीठ पीछे ठोस दीवार हो तो यह स्थिति सर्वोत्तम होती है।
♦ कार्यालय की टेबल या मेज गोल, कोने कटी, यू या एल आकार लिए नहीं होनी चाहिए।
♦ व्यवसाय हेतु दुकान अथवा कार्यालय में सर्वदा वर्गाकार अथवा आयाताकार मेज अथवा डैस्क का प्रयोग उत्तम व लाभकारी रहता है, गोल अथवा कोने कटी मेज व्यापारिक उपयोग हेतु उचित नहीं होती है।
♦ घर में कोई भी नल ऐसा न हो जिससे पानी निरंतर टपकता रहता हो, क्यूंकि इस स्थिति में संचित धन तीव्र गति से समाप्त होता चला जाएगा।
♦ दुकान में एक दर्पण इस प्रकार लगाएं कि उसमें कैश काउंटर प्रतिबिम्बित हो रहा हो। फेंगशुई की धारणा है की ऐसा करने पर धन वृद्धि होगी। किन्तु ध्यान रहे कि कैश काउंटर एक ही दर्पण में प्रतिबिम्बित हो रहा हो, क्यूंकि यदि कैश काउंटर का प्रतिबिम्ब एक से अधिक दर्पणों में प्रतिबिम्बित हो रहा होगा तो धन में वृद्धि की अपेक्षा ह्रास होगा।
♦ कभी भी शोरूम, दुकान अथवा कार्यालय आदि में कोई भी दर्पण इस प्रकार नहीं लगा होना चाहिए कि उसमें दुकान का प्रवेश द्धार प्रतिबिम्बित हो रहा हो, यदि ऐसा होगा तो दुकान में प्रवेश करती समृद्धि इस दर्पण से परावर्तित होकर वापस लौट जाती है।
♦ व्यवसाय का मालिक अपने कार्यालय में इस प्रकार बैठे कि उसकी मेज व कुर्सी दरवाजे के एकदम सामने न होकर कमरे के विकर्ण पर स्थित हो।
♦ कार्यालय अथवा घर के दक्षिण-पूर्व भाग में कूड़़ा अथवा कूड़ेदान कदापि नहीं रखना चाहिए।
♦ लाफिंग बुद्धा अर्थात हँसने वाले बुद्ध को चीनी फेंगशुई के अनुसार धन देने वाला देवता माना गया है। इनकी मूर्ति घर की बैठक अर्थात ड्राइंग रूम के अन्दर ठीक प्रमुख प्रवेश द्धार के सामने जमीन से लगभग ढाई फुट की ऊँचाई पर इस प्रकार रखें कि इनका मुख द्धार की ओर रहे। किन्तु यह मूर्ति शयन कक्ष अथवा भोजन कक्ष के अन्दर नहीं लगाई जानी चाहिए।
♦ घर अथवा कार्यालय में झाड़ू आदि पड़ी हुई दिखाई नहीं देनी चाहिए अन्यथा समृद्धि चली जाती है।
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