6 साल पूर्व
फेंगशुई की धारणा के अनुसार, संतान के विकास एवं उत्तम भविष्य हेतु यदि पश्चिम दिशा को पुष्ट एवं ऊर्जावान किया जाए तो आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त किये जा सकते है। फेंगशुई की धारणा अनुसार पश्चिम दिशा से सम्बंधित प्रधान तत्व धातु को बताया गया है। क्योंकि धातु पृथ्वी में से उत्पन्न होती है अतः मिट्टी को इसका सहयोगी तत्व बताया गया है। अग्नि को धातु का विरोधी तत्व बताया गया है क्योंकि अग्नि धातु को पिघला देती है।
अतः घर अथवा कार्यालय के पश्चिम दिशा वाले भाग में धातु से निर्मित फर्नीचर अथवा अन्य सामान रखना उचित रहता है। इस दिशा में मिट्टी, मार्बल, सिरैमिक आदि से निर्मित वस्तुएँ भी रखी जा सकती है जो सहयोगी तत्व होने के कारण धातु तत्व को पुष्ट करेगी। पश्चिम दिशा में लकड़ी से निर्मित वस्तुओं के प्रयोग के लिए फेंगशुई समर्थन नहीं करता।
फेंगशुई की निम्नलिखित धारणाओं का अनुसरण कर संतान के विकास एवं उत्तम भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता हैं -
♦ संतान के विकास के लिए घर की पश्चिम दिशा में उनके चित्र धातु के फ्रेम में जड़वाकर लगाएँ।
♦ घर के पश्चिमी दिशा वाले भाग में धातु से बने फोटो फ्रेम, फर्नीचर, मूर्तियाँ आदि का प्रयोग करने से बच्चों को सफलता प्राप्त होती है।
♦ बच्चों की पड़ने की मेज पर पश्चिमी दिशा वाले भाग में एक क्रिस्टल ग्लोब रख देने से बच्चों की सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है।
♦ संतान का शयन कक्ष अथवा अध्ययनकक्ष किसी गैराज के ऊपर या किसी शौंचालय के नीचे अथवा उप्पर होने से उसकी अध्ययन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
♦ घर की पश्चिम दिशा वाले भाग में लकड़ी से बनी वस्तुओं एवं अग्नि स्रोतों का प्रयोग न करें। इससे पश्चिम दिशा में मिलने वाले लाभ, क्षीण हो जाते हैं।
♦ घर के पश्चिम दिशा वाले भाग में एक पीले रंग के मिट्टी के गुलदान में क्रीम रंग के कृत्रिम फूल लगाने से इस दिशा से मिलने वाले लाभ पुष्ट होते हैं।
♦ गोल्डन, सिल्वर अथवा ग्रे रंग का धातु से निर्मित सात रॉड वाला विंड चाइम पश्चिम दिशा में लटकाने से लाभ होता है।
♦ घर के पश्चिम दिशा वाले भाग में चाँदी के सिक्कों से भरा हुआ एक चाँदी का बर्तन रखने से घर की संतान को लाभ प्राप्त होता है।
♦ परीक्षा के दौरान संतान के गले में क्रिस्टल से बना एक पैन्डैट पहनाने से उसे सफलता की प्राप्ति होती है।
♦ यह ध्यान रखें कि घर की संतान कभी भी दीवार की तरफ मुँह करके पढ़ाई न करे। पढ़ते समय संतान की कमर दीवार की तरफ एवं चेहरा उत्तर-पूर्व दिशा अथवा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
♦ फेंगशुई के अनुसार, पश्चिमी दिशा हेतु सुनहरा, स्लेटी, सफेद एवं सिल्वर रंग सर्वश्रेष्ठ एवं मटमैला और पीला रंग श्रेष्ठ बताया गया है। पश्चिम दिशा में लाल एवं नारंगी रंग का प्रयोग हानिकारक बताया गया है।
♦ घर की संतान के शयन कक्ष में पश्चिम दिशा में पौर्सलेन के बने हुए दो खाली पात्र रखना संतान के लिए फेंगशुई की धारणा अनुसार शुभ माना गया है।
♦ गर्भधारण संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु सौ बच्चों का चित्र धातु के फ्रेम में जडवाकर शयनकक्ष के पश्चिमी कोने वाले भाग में टांगें, अवश्य ही अनुकूल परिणाम प्राप्त होगा।
नोट : अपने जीवन से सम्बंधित जटिल एवं अनसुलझी समस्याओं का सटीक समाधान अथवा परामर्श ज्योतिषशास्त्र हॉरोस्कोप फॉर्म के माध्यम से अपनी समस्या भेजकर अब आप घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं |
© The content in this article consists copyright, please don't try to copy & paste it.