7 साल पूर्व
मुख्य प्रवेश द्धार निर्माण हेतु नियम :
♦ मुख्य प्रवेश द्धार हेतु वास्तु शास्त्र नियम के अंतर्गत, घर के मुख्य प्रवेश द्धार का निर्माण ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में, पूर्व दिशा में एवं उत्तर दिशा में करना उत्तम फलदायी माना गया है।
♦ वास्तु शास्त्र के नियम के अंतर्गत, घर के मुख्य प्रवेश द्धार का दक्षिण दिशा में स्थित होना शुभ नहीं माना जाता है।
♦ यदि दक्षिण दिशा में मुख्य प्रवेश द्धार बनाना ही पड़ जाए तो उसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में न बनाकर दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए।
♦ वास्तु शास्त्र नियम के अंतर्गत, यदि घर का मुख्य प्रवेश द्धार पश्चिम दिशा में हो, तो उसे उत्तर दिशा की ओर कर लगाना उत्तम रहता है।
♦ यदि घर का मुख्य प्रवेश द्धार दक्षिण दिशा में स्थित हो, तो इसे पूर्व दिशा की ओर कर लगाना उत्तम रहता है।
♦ यदि घर का मुख्य प्रवेश द्धार उत्तर में है, तो इसे पूर्व दिशा की ओर कर लगाना उत्तम रहता है।
♦ यदि घर का मुख्य प्रवेश द्धार दक्षिण दिशा में स्थित होने की दशा में, घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में एक उपवन बना देने से दक्षिण दिशा में मुख्य प्रवेश द्धार होने के कुप्रभाव में ह्रास आता है।
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