8 साल पूर्व
किसी जातक के जन्मांग चक्र को कोई भी ग्रह दो प्रकार से प्रभावित करता है, एक तो राशिगत व दूसरा भावगत प्रभाव। जन्मांग चक्र में क्रमवार 12 राशियां पड़ती हैं। जिस राशि में जो ग्रह उपस्थित रहता है, वो ही उसके राशिगत प्रभाव का कारण बनता है।
इसी प्रकार जन्म कुण्डली में 12 भाव होते हैं, प्रथम भाव को लग्न भाव माना गया हैं। इन भावों के ग्रह स्वामी भी होते हैं एवं ये गृह अपना भाव स्थल छोड़कर अनीस भाव में भी चले जाते हैं, एक ही भाव में दो या दो से अधिक गृह भी स्थित हो सकते हैं। जो ग्रह जिस भाव में होता है उसी के अनुसार फलित प्रदान करता है।
यहां हम बृहस्पति गृह का द्वादश राशियोँ के अनुरूप पड़ने वाले शुभ-अशुभ राशिगत प्रभाव की विवेचना प्रस्तुत कर रहे हैं -
मेष राशि :
मेष राशि में बृहस्पति हो तो जातक धन, स्त्री, पुत्र, वाहन, नौकर चाकरों के सुख से युक्त, शासन करने वाला, क्षमावान, दानदाता, तेजस्वी आदि गुणों से संपन्न होता है।
वृष राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक धनवान, धार्मिक प्रवृत्ति वाला, पुष्ट देह वान, विद्वान् होता है। शत्रु होते हुए भी उनसे कोई हानि नहीं होती। ऐसा जातक पेशे से चिकित्सक होता है एवं संतान व वाहन सुख से युक्त होता है।
मिथुन राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक प्रिय वक्ता, निर्मल स्वभाव युक्त, कवि, मैत्री में निपुण, सफल लेखक, कवि, ज्योतिषी, तांत्रिक व समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाला होता है। ऐसा जातक यदि रत्नों से सम्बंधित व्यवसाय करे तो बहुत धन अर्जित कर सकता है।
कर्क राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक पुत्र, स्त्री, आभूषण आदि के वैभव से युक्त व सुखी होता है। ऐसा जातक विलक्षण बुद्धि से युक्त होता है।
सिंह राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक पुष्ट देह से युक्त, वनो व पर्वतों के माध्यम से धनार्जन करने वाला, चतुर स्वभाव वाला, शत्रु पर विजय प्राप्त करने वाला तथा धार्मिक अनुष्ठानों के प्रति विशेष रूचि रखने वाला होता है।
कन्या राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक, सुखी, विलासी जीवन शैली युक्त, चित्रकला में रुचि रखने वाला, व्यापार के माध्यम से धन अर्जित करने वाला, स्वभाव से चंचल तथा शत्रु को जीतने वाला होता है।
तुला राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक बुद्धिमान, लेखक, कुशल व्यवसायी, अनेक पुत्रों वाला, धार्मिक कार्यों में रूचि रखने वाला, शत्रुओं के भय से ग्रसित तथा डरपोक स्वभाव वाला होता है।
वृश्चिक राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक अपनी त्रुटियों के कारण अपने धन को नष्ट करने वाला, दंभी प्रवृत्ति वाला, प्रवास करने वाला व कार्य कुशल होता है।
धनु राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक अपने परिश्रम एवं चातुर्य से जीवन में धन, संपत्ति तथा यश अर्जित करने वाला, धार्मिक कार्यों में विशेष रूचि रखने वाला, स्वभाव से धूर्त, परोपकारी, दानशील, वाहन तथा संतान सुख से युक्त होता है।
मकर राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक हृदय रोग से ग्रस्त, नपुंसक, अत्यंत दुःखी तथा क्रोधी स्वभाव वाला होता है। ऐसा जातक नीच लोगों का सवेक होता है तथा उसका दाम्पत्य जीवन सदैव क्लेश व असंतुष्टि से घिरा रहता रहता है।
कुंभ राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक रोगी, उदर व दन्त विकारों से ग्रसित, दरिद्र, काली देह युक्त, डरपोक स्वभाव वाला होता है। ऐसा जातक अपने कुकर्मों से अपना ही धन नष्ट करने वाला होता है।
मीन राशि :
इस राशि में बृहस्पति हो तो जातक सदैव प्रसन्नचित्त रहने वाला, गृहकार्य में निपुण, संगीत में विशेष रूचि रखने वाला, दानशील, राज्यकृपा से धन अर्जित करने वाला, कला साहित्य में विशेष रूचि रखने वाला, शांत स्वभाव से युक्त, दयालु प्रवृत्ति वाला, व्यवहार कुशल, रत्नों का पारखी तथा रत्नों के व्यवसाय से ही धनालाभ अर्जित करने वाला होता है।
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