ज्योतिषशास्त्र : वैदिक पाराशर

गुप्त नवरात्रि में अभीष्ट फल प्राप्ति हेतु विशेष उपाय टोटके

Sandeep Pulasttya

2 साल पूर्व

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आषाढ़ मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि  का पर्व मनाया जाता है। बहुत कम लोग इस नवरात्रि  के बारे में जानते हैं, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि  कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि  में किए गए उपाय जल्दी ही शुभ फल प्रदान कर सकते हैं। धन, नौकरी, स्वास्थ्य, संतान, विवाह, प्रमोशन आदि कई मनोकामनाएं इन 9 दिनों में किए गए उपायों से प्राप्त हो सकते हैं । अगर आपके मन में  कोई मनोकामना है तो आगे बताए गए उपायों से वह पूरी हो सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं-


धन लाभ के लिए उपाय
गुप्त नवरात्रि  के दौरान किसी भी दिन स्नान आदि करने के बाद उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीले आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने तेल के 9 दीपक जला लें। ये दीपक साधनाकाल तक जलते रहना चाहिए। दीपक के सामने लाल चावल (चावल को रंग लें) की एक ढेरी बनाएं फिर उस पर एक श्रीयंत्र रखकर उसका कुम कुम, फूल, धूप, तथा दीप से पूजन करें।
उसके बाद एक प्लेट पर स्वस्तिक बनाकर उसे अपने सामने रखकर उसका पूजन करें। श्रीयंत्र को अपने पूजा स्थल पर स्थापित कर लें और शेष सामग्री को नदी में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से आपको अचानक धन लाभ होने के योग बन सकते हैं।

 

शीघ्र विवाह के लिए उपाय
गुप्त नवरात्रि में शिव-पार्वती का एक चित्र अपने पूजास्थल में रखें और उनकी पूजा करने के बाद नीचे लिखे मंत्र का 3, 5 अथवा 10 माला जप करें। जप के बाद भगवान शिव से विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें-
मंत्र :- ऊं शं शंकराय सकल-जन्मार्जित-पाप-विध्वंसनाय,
पुरुषार्थ-चतुष्टय-लाभाय च पतिं मे देहि कुरु कुरु स्वाहा।।

 

मनपसंद वर के लिए उपाय
गुप्त नवरात्रि  के दौरान किसी भी दिन अपने पास स्थित शिव मंदिर में जाएं। वहां भगवान शिव एवं मां पार्वती पर जल एवं दूध चढ़ाएं और पंचोपचार (चंदन, पुष्प, धूप, दीप एवं नैवेद्य) से उनका पूजन करें। अब मौली (पूजा में उपयोग किया जाने वाला लाल धागा) से उन दोनों के मध्य गठबंधन करें। अब वहां बैठकर लाल चंदन की माला से इस मंत्र का जप 108 बार करें-
मंत्र :- हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।
इसके बाद तीन महीने तक रोज इसी मंत्र का जप शिव मंदिर में अथवा अपने घर के पूजास्थल में मां पार्वती के सामने 108 बार करें। घर पर भी आपको पंचोपचार पूजा करनी है।

 

बरकत बढ़ाने का उपाय
गुप्त नवरात्रि में किसी भी दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े में अपने सामने मोती शंख को रखें और उस पर केसर से स्वस्तिक का चिह्न बना दें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का जप करें-
मंत्र :-  श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:। 
मंत्र का जप स्फटिक माला से ही करें। मंत्रोच्चार के साथ एक-एक चावल इस शंख में डालें। इस बात का ध्यान रखें की चावल टूटे हुए ना हो।  यह प्रयोग लगातार नौ दिनों तक करें। इस प्रकार रोज एक माला जप करें। उन चावलों को एक सफेद रंग के कपड़े की थैली में रखें और 9 दिन के बाद चावल के साथ शंख को भी उस थैली में रखकर तिजोरी में रखें। इस उपाय से घर की बरकत बढ़नी प्रारम्भ हो जाएगी। ।

 

मनचाही दुल्हन के लिए उपाय
गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भी सोमवार आए। उस दिन सुबह किसी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर चढ़ाते हुए उसे अच्छी तरह से साफ करें। फिर शुद्ध जल चढ़ाएं और पूरे मंदिर में झाड़ू लगाकर उसे साफ करें। अब भगवान शिव की चंदन, पुष्प एवं धूप, दीप आदि से पूजा करें।
रात 10 बजे के बाद अग्नि प्रज्वलित कर "ऊं नम: शिवाय" मंत्र का उच्चारण करते हुए घी से 108 आहुति दें। अब 40 दिनों तक नित्य इसी मंत्र का पांच माला जप भगवान शिव के सामने करें। इससे शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होने के योग बनेंगे।

 

इंटरव्यु में सफलता का उपाय
गुप्त नवरात्रि में किसी भी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सफेद रंग का सूती आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर बैठ जाएं। अब अपने सामने पीला कपड़ा बिछाकर उस पर 108 दानों वाली स्फटिक की माला रख दें और इस पर केसर व इत्र छिड़क कर इसकी पूजा करें।
इसके बाद धूप, दीप और अगरबत्ती दिखाकर नीचे लिखा मंत्र 31 बार बोलें। इस प्रकार 11 दिन तक करने से वह माला सिद्ध हो जाएगी। जब भी किसी इंटरव्यु में जाएं तो इस माला को पहन कर जाएं। यह उपाय करने से इंटरव्यु में सफलता की संभावना बढ़ती है।

मंत्र :- ऊं ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।

 

दांपत्य सुख के लिए उपाय
यदि जीवनसाथी से अनबन होती रहती है तो गुप्त नवरात्रि  में रोज नीचे लिखी चौपाई को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें। इससे यह चौपाई सिद्ध हो जाएगी। अब नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस चौपाई को 21 बार पढ़ें। यदि संभव हो तो अपने जीवनसाथी से भी इस चौपाई का जप करने के लिए कहें 
चौपाई :-
सब नर करहिं परस्पर प्रीति।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।

 

 

 

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