7 साल पूर्व
किसी जातक की जन्म कुण्डली विवेचन में उस कुण्डली में स्थित योग अपना अलग ही महत्व रखते है। योग से तात्पर्य ग्रहों के कुछ विशेष जोड़ है अर्थात् ग्रह जब विशेष परिस्थिति में कुछ खास योग बनाते हैं तो ऐसी स्थिति में शुभ अथवा अशुभ फल प्रदान करते हैं।
यहाँ विष्णु योग का विवेचन किया जा रहा है :-
विष्णु योग :
किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि बुध ग्रह, शुक्र ग्रह एवं भाग्य भाव का स्वामी ग्रह, यह तीनों उच्च राशि, स्वराशि अथवा मित्र राशि में स्थित होकर, लग्न भाव से केन्द्र अथवा त्रिकोण में स्थित होते हैं तो ऐसी स्थिति में विष्णु योग अथवा श्रीनाथ योग बनता हैं।
फलादेश :
विष्णु योग में जन्म लेने वाला जातक धनवान, मधुर वाणी बोलने वाला, ऐश्वर्य एवं आनन्द से युक्त, शंख चक्र आदि चिन्हों से युक्त, भगवान विष्णु का परम भक्त, सभी सम्प्रदाय व धर्मों को आदर देने वाला एवं चेहरे पर तेज लिए हुए होता है।
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